LITTLE KNOWN FACTS ABOUT पारद शिवलिंग.

Little Known Facts About पारद शिवलिंग.

Little Known Facts About पारद शिवलिंग.

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Complete Abhishekam periodically with sacred substances like milk, honey, and yogurt. This not only cleanses the Shivling but also rejuvenates its spiritual energies.

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डिसक्लेमर इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

पारद शिवलिंग भगवन शिव का अंश माना जाता है इसके दर्शन होना ही अपने आप में एक बड़ी बात होती है शास्त्रों में पारद शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए मना किया गया है क्यों कि पारद शिवलिंग सिर्फ दर्शनीय होता है।  लेकिन श्रद्धालु इसके ऊपर जल चढ़ाये बिना रह नहीं पाते है तो ऐसे में आप एक बात ध्यान रखे। जल चढाने के तुरंत बाद ही पारद शिवलिंग को सूती कपडे से साफ़ कर दे। इसके ऊपर किसी तरह की पानी की बूँद नहीं रेहनी चाहिए।  

It develops brain electrical power to attain strongwill which can be good for progress of equally Bodily healthand head. HOLY PARAD SHIVLING Gains worship willharmonise the relationships amongst all the users ofthe household. Parad is considered the sperm (seed) of LordShiva.It is said in Brahma Purana that who worshipsMercury Shivling devotedly receives full wordly pleasures,and ultimately attains supreme location (salvation).

धातु में चांदी, तांबा और सोने का बना होना चाहिए।

जब इसमें चांदी मिला दी जाती है तो यह पारद कहला जाता है। पारा आपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है। इस समूचे ब्रह्मांड में पारा ही एक ऐसा तत्व है जो धातु है लेकिन तरल रूप में पाया जाता है।

इसके पश्चात जिस स्थान पर भी इसे स्थापित करें उस जगह की पहले साफ़ सफाई जरूर कर लें।

भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए साधक विभिन्न प्रयत्न हैं। शिवलिंग के विभिन्न रूपों की पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है। ज्योतिष में पारद शिवलिंग की पूजा बहुत ही लाभदायक मानी गई है। पारद को

पश्चिमी हिमालय में अमरनाथ नामक गुफा में प्रत्येक शीत ऋतु में गुफा के तल पर पानी टपकाने से बर्फ का शिवलिंग सृजित होता है। यह तीर्थयात्रियों में बहुत लोकप्रिय है।

If the mercury found in click here character is introduced to its purest condition in the Ashta Sanskar, it turns into like nectar and it is worshiped.

Take a bath and dress in clean apparel before beginning the worship. Preserve a pure point out of mind and system, cost-free from adverse views and distractions.

शिवलिंग की आरती करके भोग को सब लोगों में बांटना चाहिए।

श्रावण महीने में शिव पूजा बहुत ही लाभदायक है। यदि आपको पारद शिवलिंग मिल जाए तो आपके परम सौभाग्य की बात है। श्रावण मास में पारद शिवलिंग लाकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। यदि आपके मंदिर में शिव परिवार अथवा पार्वती-शिव की तस्वीर है तो पारद शिवलिंग को उन्हीं के समक्ष स्थापित करें। चांदी, तांबा अथवा पीतल की प्लेट में सफेद वस्त्र बिछाकर उन्हें विराजमान करें। उससे पहले उन्हें गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान शिव के मंत्रों से उनका आह्वान करें। ’ओम् नमः शिवाय। ओम् त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’ आदि मंत्रों से एक अथवा दो माला का जाप करके उन्हें अपने आसन पर विराजमान करें। प्रातः अपनी नियमित पूजा के साथ साथ उन पर गंगाजल, धूप-दीप, पुष्प आदि चढ़ाएं अथवा चंदन का लेप करें एवं प्रार्थना करें।

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